सफर

सफर पर वही कश्तियां निकलती हैं,
जिनके लिए हवाएं भी तेज चलती हैं

सोच कर, हमनें भी किया था एक जहाज तैयार,
लेकिन कम्बख़्त अब लहरें भी खामोश निकलती हैं

यूँ शोर में 'लफ्ज़' है ख़ामोश तो कमजोर ना समझना,
ये फितरत है मेरी, जो तूफ़ानो की राह बदलती है

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