वक्त गुजरता है, गुजरते लोग कई करीब से, पर उनके गुजर जाने का इंतजार आज भी है मुश्किल में हैं वो, परेशान भी वक्त बहुत किये हैं उन्हें, पर उनकी खुशहाल जिंदगी का इत्मिनान मुझे आज भी है
देख लेने दे जी भर के उसकी तस्वीर को मुझे, वादा किया है उससे की संभाल के रखूँगा नही घूर लेने दे उसकी निगाहों को मुझे कम से कम उसकी तस्वीर तो मुझसे खफा नही
जमाना माने मुझे कुछ भी मगर, तू मुझको अपना यार मानने तो दे एकतरफ़ा प्यार में मेरी इज़्ज़त नही घटती, तू मुझको अपना इश्क़ निभाने तो दे जोगी बन बैठा हूँ मैं कब से तेरा, तू मुझको आज अपनी चलाने तो दे मुझको बस एक ख़याल की तरह, कुछ देर अपने जहन में आने तो दे मैं तब से सिर्फ एक दीदार को तरसा हूँ, इस प्यासे को अपनी प्यास भुजाने तो दे तेरे दिल में आज, चाहे बेमतलब ही सही, मुझे इन 'लफ़्ज़ों' को जरा सजाने तो दे
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